One Nation One Subscription Yojanaभारत सरकार ने वैज्ञानिक शोध और उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से One Nation One Subscription Yojana की घोषणा की है। इस योजना के तहत सरकार दुनिया भर के प्रमुख वैज्ञानिक जर्नल्स का एकल सब्सक्रिप्शन लेगी और इसे देश के छात्रों, शोधकर्ताओं, फैकल्टी मेंबर्स और वैज्ञानिकों को मुफ्त में उपलब्ध कराएगी। यह योजना 1 जनवरी 2025 से लागू होगी और इससे लगभग 1.8 करोड़ लोग लाभान्वित होंगे।
योजना का उद्देश्य और महत्व
वर्तमान में, वैज्ञानिक शोध पत्रिकाओं (जर्नल्स) की सदस्यता लेना बहुत महंगा होता है, जिससे कई छात्र और शोधकर्ता इन संसाधनों का उपयोग नहीं कर पाते। One Nation One Subscription Yojana के तहत:
- सभी सरकारी उच्च शिक्षा संस्थानों को एक मंच पर हजारों जर्नल्स का नि:शुल्क एक्सेस मिलेगा।
- टियर-2 और टियर-3 शहरों के छात्रों को विशेष लाभ होगा, क्योंकि वहाँ शोध के लिए सीमित संसाधन उपलब्ध होते हैं।
- शोध की लागत में 18% तक की कमी आएगी, जिससे उच्च शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा।
योजना के प्रमुख बिंदु
1. 1 जनवरी 2025 से होगा लागू
One Nation One Subscription Yojana को 1 जनवरी 2025 से लागू किया जाएगा। इसके तहत देश के 6300 सरकारी उच्च शिक्षा संस्थानों के छात्रों, फैकल्टी और शोधकर्ताओं को लाभ मिलेगा। इसका सीधा फायदा उन विद्यार्थियों को होगा जो अभी तक महंगे जर्नल्स खरीदने में असमर्थ थे।
2. छात्रों और शोधकर्ताओं को मिलेगा 100% एक्सेस
अभी तक दुनिया के केवल 53% वैज्ञानिक जर्नल्स ही ओपन एक्सेस में उपलब्ध हैं, लेकिन इस योजना के तहत:
- 100% वैज्ञानिक जर्नल्स का एक्सेस मिलेगा।
- शोधकर्ताओं को किसी भी जर्नल के लिए अलग से भुगतान करने की जरूरत नहीं होगी।
- सभी प्रमुख वैज्ञानिक और अकादमिक जर्नल्स एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होंगे।
3. तीन चरणों में दी जाएगी सुविधा
इस योजना को तीन चरणों में लागू किया जाएगा:
- पहला चरण (अप्रैल 2025): केंद्रीय और राज्य स्तरीय उच्च शिक्षण संस्थानों को एक्सेस दिया जाएगा।
- दूसरा चरण (अप्रैल 2026): अन्य संस्थानों को One Nation One Subscription Yojana से जोड़ा जाएगा।
- तीसरा चरण (अप्रैल 2027): सभी शैक्षणिक और शोध संस्थानों को इसका लाभ मिलेगा।
4. सरकार हर साल खर्च करेगी 2000 करोड़ रुपये
भारत सरकार 2025 से 2027 तक इस योजना पर कुल 6000 करोड़ रुपये खर्च करेगी, यानी हर साल लगभग 2000 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। इससे:
- उच्च शिक्षा और शोध को प्रोत्साहन मिलेगा।
- छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाले शोध पत्र पढ़ने और अपने अध्ययन को आगे बढ़ाने का अवसर मिलेगा।
- संस्थानों की लाइब्रेरी को विश्व स्तरीय रिसर्च पेपर्स की सुविधा दी जाएगी।
योजना से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण बातें
- 30 प्रमुख वैश्विक प्रकाशकों को योजना में शामिल किया गया है।
- अन्य प्रकाशकों के साथ भी बातचीत जारी है, ताकि अधिकतम जर्नल्स को योजना में शामिल किया जा सके।
- यूजीसी के इन्फिलबनेट (INFLIBNET – Information and Library Network) के माध्यम से छात्रों और शोधकर्ताओं को इन जर्नल्स तक पहुँच मिलेगी।
- इससे भारत के शोधकर्ताओं की प्रतिस्पर्धात्मकता वैश्विक स्तर पर बढ़ेगी।
योजना का संभावित प्रभाव
1. छात्रों और शोधकर्ताओं को अधिक अवसर
जो छात्र संसाधनों की कमी के कारण वैज्ञानिक शोध से दूर रहते थे, वे इस योजना का पूरा लाभ उठा सकेंगे।
2. शोध की गुणवत्ता में सुधार
जब अधिक वैज्ञानिक जर्नल्स तक पहुंच होगी, तो शोध की गुणवत्ता में भी सुधार होगा।
3. वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बढ़त
भारतीय शोधकर्ता और छात्र वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए बेहतर संसाधनों का उपयोग कर सकेंगे।
4. ज्ञान को सभी के लिए सुलभ बनाना
यह योजना उच्च शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव लाने वाली है। इसका उद्देश्य ज्ञान को सभी के लिए सुलभ बनाना है, जिससे भारत में शोध और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।
One Nation One Subscription Yojana भारत के उच्च शिक्षा और शोध क्षेत्र में एक ऐतिहासिक पहल है। इससे छात्रों, फैकल्टी मेंबर्स और शोधकर्ताओं को नि:शुल्क वैज्ञानिक जर्नल्स की सुविधा मिलेगी, जिससे भारत में शोध और नवाचार को नया आयाम मिलेगा। यह योजना विशेष रूप से पीएचडी स्कॉलर्स, शोधकर्ताओं और उच्च शिक्षा के छात्रों के लिए वरदान साबित होगी। इससे भारत के वैज्ञानिक और शैक्षिक समुदाय को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने का अवसर मिलेगा और उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में भी सुधार होगा।
सरकार की यह पहल न केवल शोधकर्ताओं के लिए आर्थिक रूप से फायदेमंद होगी, बल्कि भारत को एक वैश्विक शोध और शिक्षा केंद्र के रूप में स्थापित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।